मोहम्मद की आठवीं पत्नी थी जुवैरिय्या बिन्त अल हैरिथ. वो मोहम्मद के हाथ कैसे लगी, इस के लिए इस्लामी पुस्तकों का सहारा लेते हैं.
इस्लाम की सर्वमान्य पुस्तक सही बुखारी के खंड ३, पुस्तक ४६ के अंक ७१७ में व्याख्याकार इब्न औन के अनुसार:
मैंने नफी को एक पत्र लिखा था जिस के प्रत्युत्तर में उसने मुझे लिखा कि नबी ने एक दिन बिना चेतावनी दिए बनी मुस्तालिक पर आक्रमण कर दिया. उस समय वो अपने पशुयों को पानी पिला रहे थे. उन के लड़ाके मार दिए गए और उनकी महिलायों और बच्चों को बंधक बना लिया गया; नबी को उस दिन जुवैरिय्या मिली. नफी ने लिखा था कि ये सूचना मुझे नबी के लड़ाके इब्न उम्र ने दी थी.इसी के सन्दर्भ में दूसरी सर्वमान्य हदीस सही मुस्लिम ४२९२ के अनुसार:
इब्न औन ने बताया: मैंने नफी से पूछा कि काफिरों को मारने से पहले क्या उन्हें इस्लाम अपनाने का न्यौता देना आवश्यक है. उस ने उत्तर में लिखा कि इस्लाम के प्रारम्भ में तो ये आवश्यक था. अल्लाह के पैगम्बर ने बनी मुस्तालिक पर आक्रमण किया जब वो असावधान थे और अपने पशुओं को पानी पिला रहे थे. उसने उन सब को मार दिया जो लादे. उसी दिन उस ने जुवैरिय्या को बंदी बनाया था. नफी ने बताया कि ये सब उसे अब्दुल्लाह ने बताया था जो मोहम्मद के साथ उस हमले में उपस्थित था.
पति की हत्या
जुवैरिय्या - लूट का माल (ग़नीमत)
बांटने का ढंग था कि २०% भाग मोहम्मद तथा उस के परिवार के लिए होता था. शेष में से हर घुड़सवार को तीन भाग और पैदल को एक भाग मिलता था. घुड़सवारों को अधिक भाग देना, मोहम्मद का घुड़सवार सैनिकों को प्रोत्साहन देना था.
जुवैरिय्या का मूल्यांकन
जुवैरिय्या का मूल्यांकन
सभी बंधकों को ले कर मोहम्मद मदीना पहुँच गया. इन बंधकों के प्रियजन उन्हें स्वतंत्र करवाने के लिए धन ले कर आ गए. जब बंधक महिलायों और बच्चों को निर्जीव वस्तुयों की भांति बांटा गया तब जुवैरिय्या थाबित नामक मदिनावासी के भाग में आई थी. उसने जुवैरिय्या की सुन्दरता को देख कर उसे स्वतंत्र करने का मूल्य ९ औंस सोना रखा. इतना धन वो कहीं से नहीं ला सकती थी, इसलिए वो मोहम्मद के पास, जो अपनी १२ वर्षीया पत्नी आयेशा के कक्ष में था, दया याचना के लिए आई.
आयेशा के विचार
आयेशा के विचार
आयेशा के अनुसार,
मोहम्मद पर प्रभाव
वो एक अत्यंत आकर्षक महिला थी. वो उसे देखने वाले हर पुरुष का मन मोह लेती थी. मैंने जब उसे अपने कक्ष के द्वार पर देखा, मुझे वो अच्छी नहीं लगी.
मोहम्मद पर प्रभाव
उसकी याचना सुनाने के पश्चात मोहम्मद ने उस से कहा
जुवैरिय्या का नमाज़ पढ़ना
यदि मैं तुम्हें इस से बेहतर विकल्प दूं .जुवैरिय्या के पूछने पर मोहम्मद ने कहा
यदि मैं तुम्हारा मूल्य चुका के तुमसे निकाह कर लूं. तत्पश्चात ६० वर्षीय मोहम्मद ने २० वर्षीया विधवा को अपने हरम में शामिल कर लिया.
जुवैरिय्या का नमाज़ पढ़ना
इस्लामी पुस्तक उसुद उल घाबा के अनुसार, मोहम्मद जब भी जुवैरिय्या के पास जाता तो उसे नमाज़ अदा करते हुए पाता. जब वो दुबारा आता तब भी उसे नमाज़ करते हुए पाता. एक दिन उस ने जुवैरिय्या से कहा:
मैं तुम्हें कुछ ऐसे शब्द बताता हूँ जो तुम्हारी नमाज़ से अधिक प्रभावशाली होंगे. तुम कहो,"सुबहान अल्लाहे अददा खल्किही, सुभान अल्लाहे रिधा नफ्सेहे, सुभान अल्लाहे जिनता आर्शेहे, सुभाना अल्लाह मिदद्दा कलिमातिही".
कुछ लोगों का मानना है कि नमाज़ पढना मोहम्मद से बचने के लिए जुवैरिय्या का उपाय था क्योंकि वो मोहम्मद को अपने बचपन के साथी और अपने पति मुसाफिन का हत्यारा मानती थी. मोहम्मद से विवाह का प्रस्ताव स्वीकारने के अतिरिक्त उस के पास और कोई बेहतर विकल्प नहीं था. किन्तु मोहम्मद ने इस सुझाव से जुवैरिय्या का नमाज़ वाला उपाय विफल कर दिया. यदि नमाज़ का ये विकल्प है तो क्यों विश्व भर के मुसलमान प्रतिदिन ५ बार समय नष्ट करते हैं.
सत्य क्या है, ये हम नहीं जानते.
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