गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

इन्फीरीओरिटी कॉम्प्लेक्स

 पुस्तक २ किंग्स, अध्याय २१

ये पुस्तक बाइबल की ही एक पुस्तक है. पढने से पूर्व इसमें प्रयोग किये गए एक शब्द पगान का अर्थ समझ लें. ये शब्द मूल रूप से मूर्ती पूजा करने वालों के लिए प्रयोग में लाया जाता है तथा सामान्यतः यहूदियों, ईसाईयों तथा मुसलामानों के अतिरिक्त सभी इस शब्द से संबोधित हैं. इसका एक पर्याय वाची है हीथन. हीथन तथा पगान, ये दोनों शब्द नीचा दिखाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं. कुरान में इसके लिए शब्द है मुशरिक, और इस्लाम मुशरिकों से किस प्रकार का व्यवहार करने को कहता है, ये आप यहाँ देख सकते हैं.

प्रस्तुत लेख में गौड जोकि दया, संवेदना, क्षमा तथा प्रेम की मूर्ती बताया जाता है, क्या कहता है, इसे देखिये. 
  1. मनास्सेह जिस समय राजा बना, उसकी आयु १२ वर्ष थी, उसने ५५ वर्ष तक जेरुसलाम में शासन किया. उसकी माता का नाम हेफ्ज़िबाह था. 
  2.  जिन पगान  राष्ट्रों को लॉर्ड ने इस्राइल में से खदेड़ दिया था, उन्हीं की नीच रस्मों का अनुसरण करते हुए, वही दुष्ट रसमें निभाईं, जो लॉर्ड की दृष्टि में नीच हैं.
  3. पगानों के जो मंदिर उसके पिता हेज़ेकिआह ने नष्ट कर दिए थे, उसने उनका पुनर्निर्माण करवा दिया. जिस प्रकार इस्राइल के राजा अहेब  ने किया था, उसने बाल  के लिए एक वेदी बनवाई और  एक अशेराह स्तम्भ भी स्थापित किया.  वो भी ब्रह्माण्ड की सभी शक्तियों के समक्ष शीष झुकाने लगा और उनकी अराधना करने लगा. (जिस क्षेत्र का यहाँ वर्णन है, वहां के मूल निवासी 'बाल' नामक देवता तथा अशेराह नामक देवी की अराधना करते थे. जिसे देवीमाता की उपाधि भी दी जाती थी. उल्लेखनीय है की इसाइयत तथा इस्लाम में जो गौड अथवा अल्लाह है वो एक पुरुष है तथा दोनों के अनुसार नारियों को पुरुषों से हीन माना जाता है. ये एक कटु सत्य है कि जिन विकसित सभ्यताओं का विनाश इन दोनों सम्प्रदायों ने किया है, उन में नारी को पूजा जाता था तथा वे प्राकृतिक तत्त्वों तथा ब्रहमांड की शक्तियों की पूजा करते थे. हिन्दू धर्म में तो शक्ति का प्रतीक ही नारी को माना जाता है, किन्तु गत ५०० वर्षों से इसके देवी देवतायों पर मिशनरियों द्वारा आरोप लगाए जाते रहे हैं. हिन्दू हीथन अथवा पगान जो हैं.)
  4. उसने लॉर्ड के मंदिर में पगानों की वेदियाँ बना दीं. उन स्थानों पर जहां के लिए लॉर्ड ने कहा था, 
    जेरुसलाम में मेरा नाम सदा के लिए पूजनीय होगा.
  5. उसने लॉर्ड के मंदिर के दोनों बरामदों में ब्रह्माण्ड की शक्तियों के लिए ये वेदियाँ बना दीं. 
  6. मनास्सेह ने अपने पुत्र को भी अग्नि को समर्पित कर दिया. वो ज्योतिष, शकुन-अपशकुन, प्रेत इत्यादि में विश्वास करने लगा. उसने ऐसे अनेक कार्य किये जो लॉर्ड की दृष्टि में बुरे थे जिस से लॉर्ड को क्रोध आ गया.
  7. मन्नासेह ने लॉर्ड के मंदिर में अशेराह की एक मूर्ती भी प्रतिष्ठापित कर दी, उस स्थान पर जहां लॉर्ड ने डेविड तथा उसके बेटे सोलोमन को कहा था:
    मेरा नाम इस मंदिर में तथा इस नगर जेरुसलाम में , जिसका चयन मैंने इस्राइल के सभी कबीलों के लिए किया है, सदा सम्मान सहित लिया जाएगा.
  8. यदि इसराइलियों ने मेरे आदेशों का पालन सावधानी पूर्वक किया - उन सभी नियमों का पालन किया जो की मेरे दास मूसा ने उन्हें दिए हैं - तो मैं उन्हें इस भूमि से नहीं निकालूँगा जो मैंने उन के पूर्वजों को दी है.
  9. किन्तु लोगों ने इसे मानने से इनकार कर दिया, और मनास्सेह ने उन्हें उन पगान राष्ट्रों से भी नीच कार्यों में लगा दिया जिन्हें लॉर्ड ने नष्ट कर दिया था जिस समय इस्राइल के लोग उस भूमि पर आये थे.
  10. इस पर लॉर्ड ने अपने दासों को पैगम्बर बना कर, उनके द्वारा ये सन्देश दिया
  11. " क्योंकि जुडाह के राजा मनास्सेह ने अपने से पूर्व के कबीलों से भी अधिक नीचता की है, और  उसने जुडाह के वासियों को मूर्तिपूजा के पाप में लगाया है,"
  12. इसलिए इस्राइल के गौड, लॉर्ड का कथन है: 
    मैं जेरुसलाम तथा जुडाह में ऐसा विनाश लाऊंगा की सुनाने वालों के कान, आतंक से खनक जायेंगे.
  13. मैं जेरुसलाम के निवासियों के साथ भी वही करूंगा जो मैंने समारिया के लोगों के साथ किया था या अहेब के परिवार के साथ किया था. मैं जेरुसलाम के निवासियों का इस प्रकार विनाश करूँगा जिस प्रकार कोई किसी तश्तरी को धो कर औंधा रख देता है.
  14. मैं अपने शेष लोगों को अकेला छोड़ दूंगा. मैं उन्हें, उनके शत्रुओं के अधिकार में छोड़ दूंगा, और वो अपने शत्रुओं की संपत्ति बन जायेंगे.
  15. क्योंकि जिस दिन से उनके पूर्वज मिस्र से निकल कर आये हैं, मेरी दृष्टि में उन्होंने बहुत से दुष्कर्म किये हैं और तभी से मुझे क्रोधित किया है."
  16. इतना ही नहीं, मनास्सेह ने कई निरपराध लोगों की हत्या भी की है, जिस से जेरुसलाम के एक छोर से दुसरे छोर तक निरपराध रक्त बहा है. ये लॉर्ड की दृष्टि में एक अतिरिक्त दुष्कर्म है जो उसने जुडाह के लोगों से पाप करवाने के अतिरिक्त किया है.
  17. इन पाप कर्मों के अतिरिक्त जो मनास्सेह के शासन काल में घटित हुआ है, क्या वो जुडाह के राजाओं की पुस्तक में अंकित नहीं है?
  18. जब मनास्सेह मरा, तो उसे उसके पूर्वजों के साथ ही उज्जा के उद्द्यान में दफनाया गया. इस पर उसका बेटा आमोन राजा बना.
  19. आमोन जब राजा बना तो वो २२ वर्ष का था. उसने जेरुसलाम पर दो वर्ष तक शासन किया. उसकी माता का नाम मेशुलेमेथ था जो हरुज़ की बेटी थी.
  20. उसने भी अपने पिता मनास्सेह की भाँती वही सब किया जो लॉर्ड की दृष्टि में नीच कर्म हैं.
  21. अपने पिता का अनुसरण करते हुए, उसने भी उन मूर्तियों की पूजा अराधना की, जो उसके पिता किया करते थे.
  22. इस प्रकार, उसने लॉर्ड को, जो उसके पूर्वजों का गौड था, उसे छोड़ दिया.
  23. उसके अधिकारियों ने उसके विरुद्ध षड्यंत्र कर के उसके घर में उसकी हत्या कर दी.
  24. किन्तु वहाँ के निवासियों ने उन सब की हत्या कर दी, जिन्होंने राजा आमोन के विरुद्ध षड्यंत्र किया था और आमोन के बेटे जोसिआह को राजा बना दिय.
  25. जहां तक आमोन के शासन काल की अन्य घटनायों का प्रश्न है, क्या वो जुडाह के राजाओं की पुस्तक में अंकित नहीं हैं?
  26. उसे भी उज्ज़ा के उद्द्यान में दफ़न किया गया. उसका बेटा जोसिआह  उसका उत्तराधिकारी बना. 
यहाँ ये अध्याय समाप्त हो जाता है और अध्याय २२ में १ से १४ पंक्तियों में जोसिआह अपने कुछ कार्यकर्ताओं को मंदिर की मरम्मत के लिए भेजता है तो उन्हें वहां एक पुस्तक मिलती है. जिसे वो जोसिआह के आदेश पर एक महिला के पास ले कर जाते हैं जो उसे पढने में सक्षम थी. देखें क्या कहती है.

१५. उसने उन से कहा," लॉर्ड, इस्राइल का गौड कहता है: जिस व्यक्ति ने तुम्हें मेरे पास भेजा है, उस से कह दो,
१६. लॉर्ड का कहना है:
जुडाह के राजा ने जिस पुस्तक को पढ़ा है, उसमें दिए वर्णन के अनुसार मैं इस स्थान पर और यहाँ के वासियों को विपत्ति में डालूँगा
१७.
क्योंकि उन्होंने मुझे छोड़ कर अन्य देवी देवताओं के समक्ष ज्योति जलाई है, उनके हाथों से बनी मूर्तियों ने मेरा क्रोध जगा दिया है. मेरा जलता हुआ क्रोध इस स्थान के विरुद्ध है और शांत नहीं होगा.
१८. जुडाह के राजा से कह दो, जिसने तुम्हें लॉर्ड के सम्बन्ध में जानकारी लाने के लिए भेजा है,
लॉर्ड का, जो की इस्राइल का गौड है, ये कहना है कि
 १९.
क्योंकि तुम्हारा ह्रदय संवेदनशील है और तुमने स्वयं को गौड के समक्ष विनम्रता दिखाई है जब तुमने वो सुना जो मैंने इस स्थान और यहाँ के लोगों के प्रति कहा है कि वो सब श्रापित हैं और नष्ट हो जायेंगे. क्योंकि तुमने अपने वस्त्र फाड़ लिए और मेरी उपस्थिति में रोये हो
२०.
इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों के पास जाने के पश्चात (अर्थात मरने के पश्चात) ये विनाश लाऊंगा. तुम्हें ये विनाश नहीं देखना पड़ेगा. 
ये सन्देश ले कर वे राजा के पास चले गए.

हे राम!

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