सन - ५९६
ज़ायेद बना ज़ायेद बिन मोहम्मद
सन ६२६
ज़ैनब बिन्त जैश
अब तक मोहम्मद और इस्लाम ने अपनी पहचान स्थापित कर ली थी. खंदिजा की मृत्यु हो चुकी थी और मोहम्मद के हरम में कई नवयुवतियां सम्मिलित कर ली गयी थी, जिन में इस समय ११ वर्षीया आयेशा भी सम्मिलित थी. एक दिन मोहम्मद ज़ायेद के घर पहुंचा तो ज़ायेद तो घर पर नहीं था किन्तु उस की आकर्षक पत्नी ज़ैनब (आयु ३० - ३५) ने मोहम्मद को अन्दर आने का निमंत्रण दिया. मोहम्मद के आगमन पर अपने अस्त व्यस्त वस्त्रों को व्यवस्थित करते हुए मोहम्मद उसे देख रहा था. मोहम्मद ने कहा,"अल्लाह महान है जो दिलों को बदल देता है" और वहाँ से रवाना हो गया*. ये वाक्य ज़ैनब ने सुन लिया और ज़ायेद के आते ही उस बता दिया.
ज़ायेद की प्रतिक्रिया
मोहम्मद के दिल की बात अल्लाह जानता था
जब ये आयत प्रकट हुई तो ५६ वर्षीय मोहम्मद के पास उस की ११ वर्षीय पत्नी आयेशा ही उपस्थित थी. तत्पश्चात मोहम्मद ने कहा,
मदिनावासियों की प्रतिक्रिया
इस निकाह को ले कर यदि मदिनावासियों ने किस प्रकार की प्रतिक्रिया की थी, इस के कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं, किन्तु यदि प्रतिक्रिया मोहम्मद के विरुद्ध थी तो इस का समाधान भी अल्लाह मियाँ ने कुरान में एक अगली आयत से कर दिया था. आयत इस प्रकार है:
इस निकाह का परिणाम ये हुआ कि इस्लाम के पूर्वकाल की अरब सभ्यता में संतान गोद लेना एक पवित्र कार्य माना जाता था, किन्तु इस्लाम में गोद लेना वर्जित है. इस्लाम के समर्थकों का कहना है कि मोहम्मद ने ये निकाह वासना से वशीभूत हो कर नहीं किया था बल्कि विश्व के लिए संदेश था कि गोद लेना एक वर्जित कार्य है. ज्ञात हो कि इस्लामी पुस्तकों के अनुसार इस्लाम से पूर्व का समय 'जाहिल्य' अर्थात जाहिल अथवा असभ्य था और इस्लाम ने उसे सभ्य बनाया है. इसी प्रकार मोहम्मद से पूर्व काल में अरब समाज में कई देवता तथा देवियाँ प्रतिष्ठित थे और महिलायों को स्वावलंबन की स्वतंत्रता थी. इस का प्रमाण मोहम्मद की ही प्रथम पत्नी खंदिजा के रूप में मिलता है जो कि एक प्रतिष्ठी एवं सफल व्यवसायी थी. इस सभ्यता में पर्दा प्रथा का पदार्पण कुरान की आयतों से हुआ.
उचित अथवा अनुचित का निर्णय पाठक स्वयं कर सकते हैं.
*इस घटना का विवरण तबरी में जो भिन्नता दर्शाता है वो है कि जब मोहम्मद ज़ायेद के घर गया था, उस समय, वो द्वार खटखटाने के उपरान्त भीतर नहीं गया था अपितु हवा के झोंके ने उसे परदे के पीछे से ज़ैनब दिखलाई थी जो कि अन्तः वस्त्रों में थी.
ज़ायेद बना ज़ायेद बिन मोहम्मद
मोहम्मद का पहला विवाह ४० वर्षीया खंदिजा बिन्त ख्वालिद, जो कि उस से लगभग १५ वर्ष बड़ी थी, हुआ था. इस विवाह के कुछ समय उपरान्त, खंदिजा के एक भतीजे हाकिम ने ज़ायेद नामक एक सेवक भेंट स्वरुप खंदिजा को दिया. ज़ायेद एक इसाई माता पिता की संतान था जो कि सीरिया में रहते थे. एक दिन जब नन्हा ज़ायेद अपनी माँ के साथ यात्रा पर जा रहा था तो अरबी आक्रान्ताओं ने उस का अपहरण कर के उसे गुलामी के लिए बेच दिया था. जब वो एक तरुण ही था तो वो हाकिम के अधिकार में आया.
जब उसे खंदिजा और मोहम्मद की सेवा में भेजा गया, उस की आयु लगभग २० वर्ष थी. मोहम्मद से उस की शीघ्र ही घनिष्ठता हो गयी. खंदिजा ने अपने पति की प्रसन्नता के लिए उसे अपने पति की सेवा में रख दिया. उस का वर्णन एक आज्ञाकारी सेवक के रूप में किया जाता है, जो कि छोटी कद काठी का और सांवले रंग का था.
उस का पिता हरिथ उसे ढूँढने के प्रयास कर रहा था. उस के कुछ परिचितों ने, जब वे मक्का में तीर्थ यात्रा पर आये थे, तब ज़ायेद को खंदिजा के यहाँ देखा और इस की सूचना हरिथ को दी. वो अपने पुत्र को मुक्त कराने के लिए आया और इस के लिए एक भारी धन राशि भी ले कर आया. मोहम्मद ने उसे बुलाया और उसे अपनी इच्छा बताने के लिए कहा. ज़ायेद ने कहा,
"मैं आपको छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगा. मेरे लिए तो आप ही मेरे माता और पिता हो".उसकी ये स्वामी भक्ति देख कर मोहम्मद ने कहा,
"मैं उपस्थित व्यक्तियों के सामने ये घोषणा करता हूँ कि ज़ायेद मेरा पुत्र है. ये मेरा उत्तराधिकारी भी है".
ज़ायेद का पिता हरिथ इस संतोष से वापिस चला गया कि उस का पुत्र गुलामी के जीवन से मुक्त हो, एक सामान्य जीवन व्यतीत करेगा. इस के पश्चात् उसे ज़ायेद बिन मोहम्मद (ज़ायेद - मोहम्मद का बेटा) के नाम से जाना जाने लगा. इस समय कोई नहीं जानता था कि कुछ वर्ष पश्चात्, जब मोहम्मद एक नबी के रूप में अपने आप को स्थापित कर लेगा तो इस संबंध का ज़ायेद को भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा.
मोहम्मद के कहने पर, ज़ायेद ने 'ओम्म अयमन', नामक महिला से निकाह किया. हालाँकि ओम्म अयमन ज़ायेद से दोगुनी आयु की थी, किन्तु मोहम्मद ने उसे आश्वासन दिया कि इस निकाह के परिणामस्वरूप, ज़ायेद को जन्नत मिल जाएगी. ज्ञात हो कि ओम्म अयमन वो महिला थी जिस ने मोहम्मद के बालपन में उस की देख भाल की थी, इसलिए आयु में अत्यधिक अंतर स्वाभाविक था. इस महिला से ज़ायेद को एक पुत्र 'ओसामा' प्राप्त हुआ.
सन ६२६
अब तक मोहम्मद और इस्लाम ने अपनी पहचान स्थापित कर ली थी. खंदिजा की मृत्यु हो चुकी थी और मोहम्मद के हरम में कई नवयुवतियां सम्मिलित कर ली गयी थी, जिन में इस समय ११ वर्षीया आयेशा भी सम्मिलित थी. एक दिन मोहम्मद ज़ायेद के घर पहुंचा तो ज़ायेद तो घर पर नहीं था किन्तु उस की आकर्षक पत्नी ज़ैनब (आयु ३० - ३५) ने मोहम्मद को अन्दर आने का निमंत्रण दिया. मोहम्मद के आगमन पर अपने अस्त व्यस्त वस्त्रों को व्यवस्थित करते हुए मोहम्मद उसे देख रहा था. मोहम्मद ने कहा,"अल्लाह महान है जो दिलों को बदल देता है" और वहाँ से रवाना हो गया*. ये वाक्य ज़ैनब ने सुन लिया और ज़ायेद के आते ही उस बता दिया.
ज़ायेद की प्रतिक्रिया
ज़ायेद इसे सुनते ही सीधे मोहम्मद के पास गया और कहा कि यदि मोहम्मद का दिल ज़ैनब पर आ गया है तो वो मोहम्मद की इच्छापूर्ति के लिए ज़ैनब को तलाक़ दे देगा. मोहम्मद ने कहा," अपनी पत्नी को अपने पास रखो और अल्लाह से डरो".
शीघ्र ही ज़ायेद ने ज़ैनब को तलाक़ दे दिया. क्या ज़ायेद ने भांप लिया था कि मोहम्मद ने बेमन से इनकार किया है अथवा उसकी पत्नी ज़ैनब मोहम्मद के हरम में जाना चाहती है? इस का उत्तर तो कोई नहीं दे सकता किन्तु वास्तविकता यही है कि इस तलाक़ से मोहम्मद का मार्ग प्रशस्त हो गया था.
मोहम्मद के दिल की बात अल्लाह जानता था
उन दिनों अरबी समाज में पुत्रवधू से निकाह करना, भले ही वो मुंह बोले अथवा गोद लिए पुत्र की वधु ही क्यों न हो, एक कुकृत्य माना जाता था. अभी तक मोहम्मद की नबी के रूप में छवि पूर्ण रूप से स्थापित नहीं हुई थी और मदीना में भी उस के कई विरोधी थे. इस लिए एक ओर अपनी इच्छा और दूसरी ओर छवि धूमिल होने के भय से एक दुविधा उत्पन्न हो गयी. उसकी इस दुविधा का निवारण अल्लाह ने कुरान की कुछ नई पंक्तियों (आयतें) से कर दिया. ज्ञात हो कि अल्लाह की ये आयतें केवल मोहम्मद को ही सुनायी पड़ती थी, जिन्हें वो लोगों को बता दिया करता था कि ये अल्लाह की इच्छा है. आयत इस प्रकार है:-
याद करो (ऐ नबी), जबकि तुम उस व्यक्ति से कह रहे थे जिसपर अल्लाह ने अनुकम्पा की, और तुमने भी जिसपर अनुकम्पा की कि "अपनी पत्नी को अपने पास रोक रखो और अल्लाह का डर रखो, और तुम अपने जी में उस बात को छिपा रहे हो जिसको अल्लाह प्रकट करनेवाला है। तुम लोगों से डरते हो, जबकि अल्लाह इसका ज़्यादा हक़ रखता है कि तुम उससे डरो।" अतः जब ज़ैद उससे अपनी ज़रूरत पूरी कर चुका तो हमने उसका तुमसे विवाह कर दिया, ताकि ईमानवालों पर अपने मुँह बोले बेटों की पत्नियों के मामले में कोई तंगी न रहे जबकि वे उनसे अपनी ज़रूरत पूरी कर लें। अल्लाह का फ़ैसला तो पूरा होकर ही रहता है.
कुरान सुरा ३३, आयत 37 (फारूक खान एवं अहमद)
नबी पर उस काम में कोई तंगी नहीं जो अल्लाह ने उसके लिए ठहराया हो। यही अल्लाह का दस्तूर उन लोगों के मामले में भी रहा है जो पहले गुज़र चुके है - और अल्लाह का काम तो जँचा-तुला होता है।जो अल्लाह के सन्देश पहुँचाते थे और उसी से डरते थे और अल्लाह के सिवा किसी से नहीं डरते थे। और हिसाब लेने के लिए अल्लाह काफ़ी है।
कुरान सुरा ३३, आयत ३८-३९ (फारूक खान एवं अहमद)
सम्पूर्ण कुरान में केवल यही एक आयत है जिस में किसी व्यक्ति विशेष को नाम से संबोधित किया गया है. "कौन जाकर ज़ैनब को ये शुभ समाचार देगा कि अल्लाह ने उसे मोहम्मद के लिए चुन लिया है".मोहम्मद की दासी सलमा ने जा कर ज़ैनब को ये सूचना दी. शीघ्र ही मोहम्मद ने मस्जिद के बरामदे में एक भोज दिया और ज़ैनब से निकाह कर लिया.
मदिनावासियों की प्रतिक्रिया
इस निकाह को ले कर यदि मदिनावासियों ने किस प्रकार की प्रतिक्रिया की थी, इस के कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं, किन्तु यदि प्रतिक्रिया मोहम्मद के विरुद्ध थी तो इस का समाधान भी अल्लाह मियाँ ने कुरान में एक अगली आयत से कर दिया था. आयत इस प्रकार है:
(लोगों) मोहम्मद तुम्हारे मर्दों में से (हक़ीक़तन) किसी के बाप नहीं हैं (फिर जैद की बीवी क्यों हराम होने लगी) बल्कि अल्लाह के रसूल और नबियों की मोहर (यानी ख़त्म करने वाले) हैं और खुदा तो हर चीज़ से खूब वाक़िफ है
कुरान सुरा ३३, आयत ४० (फारूक खान एवं नदवी)
ज़ायेद बिन हरिथ
ज़ायेद का नाम , ज़ायेद बिन मोहम्मद, मोहम्मद के लिए असमंजसपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता था. इस का निदान भी अल्लाह मियां ने अपनी आयतों से कर दिया. कुरान के अनुसार:
जाहिल्य
ज़ायेद का नाम , ज़ायेद बिन मोहम्मद, मोहम्मद के लिए असमंजसपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता था. इस का निदान भी अल्लाह मियां ने अपनी आयतों से कर दिया. कुरान के अनुसार:
अल्लाह ने किसी व्यक्ति के सीने में दो दिल नहीं रखे। और न उसने तुम्हारी उन पत्ऩियों को जिनसे तुम ज़िहार कर बैठते हो, वास्तव में तुम्हारी माँ बनाया, और न उसने तुम्हारे मुँह बोले बेटों को तुम्हारे वास्तविक बेटे बनाए। ये तो तुम्हारे मुँह की बातें है। किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहता है और वही मार्ग दिखाता है
उन्हें उनके बापों का बेटा करकर पुकारो। अल्लाह के यहाँ यही अधिक न्यायसंगत बात है। और यदि तुम उनके बापों को न जानते हो, तो धर्म में वे तुम्हारे भाई तो है ही और तुम्हारे सहचर भी। इस सिलसिले में तुमसे जो ग़लती हुई हो उसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं, किन्तु जिसका संकल्प तुम्हारे दिलों ने कर लिया, उसकी बात और है। वास्तव में अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
कुरान सुरा ३३, आयत ४-५ (फारूक खान एवं अहमद)
इस के उपरान्त ज़ायेद को लोग अब ज़ायेद बिन हरिथ कह कर पुकारने लगे. जाहिल्य
इस निकाह का परिणाम ये हुआ कि इस्लाम के पूर्वकाल की अरब सभ्यता में संतान गोद लेना एक पवित्र कार्य माना जाता था, किन्तु इस्लाम में गोद लेना वर्जित है. इस्लाम के समर्थकों का कहना है कि मोहम्मद ने ये निकाह वासना से वशीभूत हो कर नहीं किया था बल्कि विश्व के लिए संदेश था कि गोद लेना एक वर्जित कार्य है. ज्ञात हो कि इस्लामी पुस्तकों के अनुसार इस्लाम से पूर्व का समय 'जाहिल्य' अर्थात जाहिल अथवा असभ्य था और इस्लाम ने उसे सभ्य बनाया है. इसी प्रकार मोहम्मद से पूर्व काल में अरब समाज में कई देवता तथा देवियाँ प्रतिष्ठित थे और महिलायों को स्वावलंबन की स्वतंत्रता थी. इस का प्रमाण मोहम्मद की ही प्रथम पत्नी खंदिजा के रूप में मिलता है जो कि एक प्रतिष्ठी एवं सफल व्यवसायी थी. इस सभ्यता में पर्दा प्रथा का पदार्पण कुरान की आयतों से हुआ.
उचित अथवा अनुचित का निर्णय पाठक स्वयं कर सकते हैं.
*इस घटना का विवरण तबरी में जो भिन्नता दर्शाता है वो है कि जब मोहम्मद ज़ायेद के घर गया था, उस समय, वो द्वार खटखटाने के उपरान्त भीतर नहीं गया था अपितु हवा के झोंके ने उसे परदे के पीछे से ज़ैनब दिखलाई थी जो कि अन्तः वस्त्रों में थी.
क्या आप हदीसो से साबित कर सकते है जो आप नव तबरी का हवाला दिया है । कियोकि आप ने क़ुरान का हवाला तो दिया है मगर तबरी की इबारत नही लिखी
जवाब देंहटाएंनायक या खलनायक?
जवाब देंहटाएंअब हम असल मुद्दे पर आते है.अभी तक हम इन देवताओं की ब्राइट साइड के विषय में पढ़ते सुनते और देखते आये लेकिन मैं आपको बताऊंगा इनकी डार्क साइड के बारे में दोस्तों मैंने जब इनका गहराई से अध्यन किया तो आप यकीं मानना मेरा दिमाग ही हिल गया और भगवानों के विषय में विचार करने के लिए मजबूर हो गया आप मेरे साथ बने रहिएगा और अपनी बेबाक राय अवश्य दीजियेगा. भले ही वो अश्लील ही क्यों न हो. मैं आपसे निष्पक्ष राय की उम्मीद करता हूँ मुझे आशा है आप मुझे निराश नहीं करेंगे हाँ एक बात और मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचने का कतई मकसद नहीं है हाँ अपनी बेबाक राय जरुर रखना चाहता हूँ क्योंकि मैं एक लोकतान्त्रिक देश का वासी हूँ और मुझे पूरा हक़ है अपने विचार रखने का और कोर्ट भी यही कहती है की “आप धरम की निंदा तो कर सकते हो मगर उससे नफरत नहीं.” तो फिर हो जाइये तैयार एक सच का सामना करने के लिए और लिखयेगा खुले दिमाग से कम्मेन्ट्स.
भगवत गीता में शलोक 3/21 में लिखा है.”यध्य…………………..वर्त्तते. अर्थात एक महापुरुष जो करता है उसी का हम सभी अनुशरण करते है. आचार्य रजनीकांत शास्त्री अपने ग्रन्थ हिन्दू जाती का उत्थान और पतन में लिखते है सभी जीवों में सबसे पहले देवताओं की कोटि है क्योंकि उन्ही को हम लोग परम अराध्य,परम पूजनीय और सभी फलदायी मानते है उनके पवित्र नामों की रट हम हमेशा लगाये रहते है की ऐसा करने से ही हमें इस तापत्रय जिन्दगी से मुक्ति मिलेगी. इन्ही देवताओं की बानगी पेश कर रहा हूँ ध्यान दीजियेगा. सबसे पहला नाम इसमें विष्णु का आता है असुरेंदर जालंधर की पत्नी का सतीत्व अपहरण करके उसके पति को छल से मारने वाला क्या भगवान कहलाने का हक़दार है? पौराणिक शिव अर्थात महादेव भगवान कहलाने के हक़दार है जो मोहिनी के पीछे-पीछे कामुक सांड की तरह भागा-भागा फिरता था.? क्या ब्राहमणों का पुरखा ब्रह्मा जिसके मुख से ब्रह्माण अपने को उत्पन्न मानते है भगवान कहलाने का हक़दार है जिसने अपनी ही बेटी सरस्वती से बलात्कार किया.?क्या देवों का गुरु ब्रहस्पति भगवान कहलाने का हकदार है जिसने छोटे भाई की गर्भवती पत्नी ममता के साथ बलात्कार किया. क्या देवों का राजा इन्द्र “भगवान” कहलाने का हक़दार है जिसने छिपकर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के साथ बलात्कार किया था.?क्या ब्रहस्पति के चेले चन्द्र भगवान् कहलाने के हक़दार है जिन्होंने गुरु की पत्नी तारा का अपहरण करके उससे पुत्र उत्पन्न कर दिया था जिसका नाम बुध था.? क्या हिन्दुओं के पौराणिक सूर्य देव भगवान् कहलाने के हकदार है जिन्होंने कुआंरी कुंती से कर्ण नाम का पुत्र उत्पन्न कर डाला जो एक शुद्र द्वारा पाला पोशा गया जिसके कारण कर्ण को हर बार अपमानित होना पड़ा था.क्या हिन्दुओं के पौराणिक महापुरुष श्री कृषण भगवान कहे जाने के हकदार है जो नहाती हुई गोपियों के वस्त्र चुराकर पेड़ पर चढ़ जाते है.? मेनका का प्रेमी विश्वामित्र क्या भगवान कहलाने के हक़दार है.? नाव में भोग करने वाला महर्षि पराशर क्या भगवान कहलाने के हकदार है.?अप्सरा के प्रेमी क्या भरद्वाज इसके हकदार है.?क्या शराबी बलराम जो रेवती की कन्या केतकी के मुहं से निकले कुल्ले को भी घोटकर पी जाया करते थे क्या वाकई भगवान कहलाने के हक़दार है.(ये सारा संकलन एस आर बाली जी ने वेद शास्त्रों और भगवत गीता से लिया है इसका वर्णन मौजूद है)इन सब की आगे की कहानी डिटेल में जानने के लिए मेरा अगला ब्लाक अवस्य पढ़े व् अपनी बेबाक राय देना ना भूले
नायक या खलनायक?
हटाएंअब हम असल मुद्दे पर आते है.अभी तक हम इन देवताओं की ब्राइट साइड के विषय में पढ़ते सुनते और देखते आये लेकिन मैं आपको बताऊंगा इनकी डार्क साइड के बारे में दोस्तों मैंने जब इनका गहराई से अध्यन किया तो आप यकीं मानना मेरा दिमाग ही हिल गया और भगवानों के विषय में विचार करने के लिए मजबूर हो गया आप मेरे साथ बने रहिएगा और अपनी बेबाक राय अवश्य दीजियेगा. भले ही वो अश्लील ही क्यों न हो. मैं आपसे निष्पक्ष राय की उम्मीद करता हूँ मुझे आशा है आप मुझे निराश नहीं करेंगे हाँ एक बात और मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचने का कतई मकसद नहीं है हाँ अपनी बेबाक राय जरुर रखना चाहता हूँ क्योंकि मैं एक लोकतान्त्रिक देश का वासी हूँ और मुझे पूरा हक़ है अपने विचार रखने का और कोर्ट भी यही कहती है की “आप धरम की निंदा तो कर सकते हो मगर उससे नफरत नहीं.” तो फिर हो जाइये तैयार एक सच का सामना करने के लिए और लिखयेगा खुले दिमाग से कम्मेन्ट्स.
भगवत गीता में शलोक 3/21 में लिखा है.”यध्य…………………..वर्त्तते. अर्थात एक महापुरुष जो करता है उसी का हम सभी अनुशरण करते है. आचार्य रजनीकांत शास्त्री अपने ग्रन्थ हिन्दू जाती का उत्थान और पतन में लिखते है सभी जीवों में सबसे पहले देवताओं की कोटि है क्योंकि उन्ही को हम लोग परम अराध्य,परम पूजनीय और सभी फलदायी मानते है उनके पवित्र नामों की रट हम हमेशा लगाये रहते है की ऐसा करने से ही हमें इस तापत्रय जिन्दगी से मुक्ति मिलेगी. इन्ही देवताओं की बानगी पेश कर रहा हूँ ध्यान दीजियेगा. सबसे पहला नाम इसमें विष्णु का आता है असुरेंदर जालंधर की पत्नी का सतीत्व अपहरण करके उसके पति को छल से मारने वाला क्या भगवान कहलाने का हक़दार है? पौराणिक शिव अर्थात महादेव भगवान कहलाने के हक़दार है जो मोहिनी के पीछे-पीछे कामुक सांड की तरह भागा-भागा फिरता था.? क्या ब्राहमणों का पुरखा ब्रह्मा जिसके मुख से ब्रह्माण अपने को उत्पन्न मानते है भगवान कहलाने का हक़दार है जिसने अपनी ही बेटी सरस्वती से बलात्कार किया.?क्या देवों का गुरु ब्रहस्पति भगवान कहलाने का हकदार है जिसने छोटे भाई की गर्भवती पत्नी ममता के साथ बलात्कार किया. क्या देवों का राजा इन्द्र “भगवान” कहलाने का हक़दार है जिसने छिपकर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के साथ बलात्कार किया था.?क्या ब्रहस्पति के चेले चन्द्र भगवान् कहलाने के हक़दार है जिन्होंने गुरु की पत्नी तारा का अपहरण करके उससे पुत्र उत्पन्न कर दिया था जिसका नाम बुध था.? क्या हिन्दुओं के पौराणिक सूर्य देव भगवान् कहलाने के हकदार है जिन्होंने कुआंरी कुंती से कर्ण नाम का पुत्र उत्पन्न कर डाला जो एक शुद्र द्वारा पाला पोशा गया जिसके कारण कर्ण को हर बार अपमानित होना पड़ा था.क्या हिन्दुओं के पौराणिक महापुरुष श्री कृषण भगवान कहे जाने के हकदार है जो नहाती हुई गोपियों के वस्त्र चुराकर पेड़ पर चढ़ जाते है.? मेनका का प्रेमी विश्वामित्र क्या भगवान कहलाने के हक़दार है.? नाव में भोग करने वाला महर्षि पराशर क्या भगवान कहलाने के हकदार है.?अप्सरा के प्रेमी क्या भरद्वाज इसके हकदार है.?क्या शराबी बलराम जो रेवती की कन्या केतकी के मुहं से निकले कुल्ले को भी घोटकर पी जाया करते थे क्या वाकई भगवान कहलाने के हक़दार है.(ये सारा संकलन एस आर बाली जी ने वेद शास्त्रों और भगवत गीता से लिया है इसका वर्णन मौजूद है)इन सब की आगे की कहानी डिटेल में जानने के लिए मेरा अगला ब्लाक अवस्य पढ़े व् अपनी बेबाक राय देना ना भूले
Abe sale dogla sharam aani chahiye tujhe narak jayega tu
हटाएंSabse uper ishwar h or unhone devta ko bnaya jeise ki indr or surya
Indra ne aeisa kiya to use saja mili or uske piche bhi story h or karn ko apmanit kaiya jata tha jiski wajah parivartan hua
Juth kam bol - mohini vihnu bne the or wo bhi shiv kehne pr shaitan mohini samjhke vishnu ke pichd ghuma na ki shiv or saraswati beti nhi h unki bs age me choti pr aayesha jitni choti nhi h juth kam bol
In islam - aurat kheti h
Halala
Sex jihad
11 biwi mohmmad ki
Jb allah nirakar h to mohmmad ko pta keise chala ki allah h tum sab shaitan ko pujte ho or kala dress auterin pehnti h jo ki shaitan kA dress h tum pehle apni jhakh
Bhan Bhagwan Krishna Keval 8 shaadi mein kiya tha 16000 Ladkiyon ko ek durachari raja Se Churaya Tha Jo Ek Kahani hai usko padho hindu dharm Ek Sanatan Dharm hai jo Sansar Ki utpati ke sath Sanatan Dharm ki utpati Hui Islam Dharm Ek vyakti ke dwara Ek vyakti ki vichardhara par aadharit Dharm hai hi jo jo vyakti apni Suvidha ke liye Apne ko Mahan banane ke liye pagalon ko Shiksha Diya Hai Quran Koi Aakash se nahin I Ek Anpadh aadami Ek vyakti jibrail ko Lekar kar vah Anpadh aadami Jo Kahta tha vah Vahi likhta tha jibrail aur Quran likhane ke bad jibrail ko Maar Dala aur bad Mein jhoot bola ki Aakash Se Aayi Kitab hai aur murkh log yakin kar liye Liye
हटाएंPagal pahle aapna dharm dekh le kitna gira hua hai
हटाएंPuran aur kuran men koi antar nahi hai.dono kalpana shilta par aadharit hai.puran sanatan satya ka aadhar nahi hai.kyonki devi devata krishn ram se pahle bhi sanatan satya upsthit rahe han.dharm koi Mera tumhara nahi hota dharm har ishthiti men dharm hi hota hai . islam jagat men dharm ka hona dur dur tak sambhav hi nahi hai .nirankar bramh ke teen gun hai bramha vishnu aur mahesh. Ved padhe satya prakat hogi.Duniyan men ek matra hi satya hai satya sanatan sindhu vedic dharm baki sare adharm
हटाएंPadhkar samjhne me bhut fhark hai aap is tarha se bhagvaan ko badnaam mat kiya kro our Baki aap khud samjhdaar hai
हटाएंदुनिया भर में आतंक ओर कत्ले आम कौन कर रहा है। किसी महान आदमी को 11-12 शादिया करने की क्या जरूरत थी, ओर वो भी 54 की उम्र में 14 साल की लड़की से। आज दुनिया परेशान है किसकी वजह से?
हटाएंअगर अल्लाह महान था तो सिर्फ मोहम्मद हि क्यू उसकी आयत सुनता था असल बात ये है कि अल्लाह है ही नहीं मोहम्मद एक पागल था जो अपनी जरूरत पूरी करने के लिए हर बार एक नया आयत जयर देता था अपनी बेटी से शादी भी उसने जायज़ बताया उस ठरकी ने अपने बेटे की पत्नी से निकाह करने के लिए कुरआन में अपनी मर्जी से आयत जोर दिया शाला गांड़ू मोहम्मद अपनी बेटी समान बहू से निकाह कर लिया और तो और अपनी जब के लिए अपनी 6साल की बेटी को भी नहीं छोड़ा क्योंकि वो देखने सुंदर थी
हटाएंचूतिये मोहिनी रूप भगवान विष्णु ने रखा था।शिव जी को बचाने के लिए भस्मासुर से।भस्मासुर को शिवजी ने ही वरदान दिया था भस्म करने का।हमारे किसी देवी देवताओं ने किसी का बलातकार नहीं किया ये तो तू अपनी शर्म मिटाने के लिए आरोप लगा रहा है।हमारा भगवान महान हैं वह कभी भी दबाव नहीं डालता कि मुझे इस रूप में मान या उस रूप में।वह हर जगह है।इसलिए हमें कहीं भी मिल जाता है
हटाएंजिस मुहम्मद ने अपने बेटे की लुगाई पेल दी हो
हटाएंजिसने पाला अपनी मा समान औरत को पेल दिया हो
उसको मानने बाले इधर ज्ञान चोद बन रहे है
Motherchod katue, tere mohammad sahab repist the, jo apni hi beti ko chodate the. Randi ke jane
हटाएंतो क्या अपने पुत्र बधू के साथ निकाह करने वाला ।
हटाएंबेबाक राय चाहिए न तो सुनो
हटाएंराय ये है बेटे कि तुम अखण्ड चूतिये हो
हिंदुत्व और भगवान के बारे में तुम्हे कुछ नही पता , चूतियापे से पहले अगर एक बार गीता ठीक से पढ़ते तो शायद इस स्थिति में नही होते ।
तुम एक काम करो बेटे
गीता उठाओ और अध्ययन में लग जाओ और हां लिखने का नियम जान लो 1 पेज लिखने के लिए लगभग 100 पेज पढ़ने होते है
तो तुम लिखो कम पढो ज्यादा
शायद ज्ञान चक्षु खुल जाए
चमन चूतिये 😡
अगर अबकी कोई ब्लॉग उट पटांग लिखा तो तुम्हारी फाइल भी निपट सकती है
और उसका आदेश ,फतवा जो भी समझो मैं जारी करूँगा
हलाला की औलाद
Tum madarchod ho jab nhi pta to jyada nhi bol suar ka pila
हटाएंअबे भूतिये, ये सब मे, ,दुनिया जितने भी धार्मिक ग्रन्थ है ,वो दो प्रकार के होते हैं, एक श्रुति, एक स्मृति , श्रुति जो सीधे भगबान के मुख से आये हैं, ओर स्मृति, जो इंसानों ने लिखे हैं,वो केवल इतिहास मे घटित घटनाओं को लिखा जाता है ,वे सब है पुराण और ,तुम्हारी कुरान भी ,इन सब ग्रन्थों को ,इतिहास कहते है ,और इन इतिहास ग्रन्थों को ,तथाकथित इतिहास कारो और कुछ ब्राह्मणों ने भी इनमे बहुत सारे गपोड़े घुसा रखें है,ओर उन्हीं गपोड़ों को तेरे जैसे लोग ,जगह जगह उल्टी करते हैं,जो किएक दम झूठ है,वेदों मे जो लिखा है वो ही सत्य है,और वेदों मुझे ढूंढ कर बता देना जो " तूने बोला है " ये सब असत्य है ।और सुन तेरी कुरान भी इंसान के द्वाराआई है वो भी मिलावटी हो गई है ,क्योंकि तीन सौ तो हजरत उमर ने जलवा दी थी ।
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंतुम कहते ब्रह्मा कहते हो कि ब्रह्मा ने अपनी बेटी से ब्लातकार किया। बताओ ये किस पुराण में ऐसा लिखा है कि ब्रह्मा ने किया?? और यहा पर एक बात और स्पष्ट करना कि तुम ब्रह्मा, श्री विष्णु, शिव के अस्तित्व को स्वीकार करते हो, या उन्हें मिथ्या मानते हो?
हटाएंदुसरा, यहा ब्रह्मा ने तो किसी के साथ ऐसा कुछ नही किया। हा आपके नबी ने अवश्य एक अबोध बच्ची के साथ बलात्कार किया। बताओ क्या ये गलत नही है? तुम्हारे नबी ने अपनी मृत चाची के साथ जो किया वो भी कितना गलत था।
यहा तुम्हारे नबी ने काल्पनिक अल्लाह के नाम पर ये सब कुकृत्य किये। और तुम अपने उसी नबी के बचाव में मेरे मत की कुछ ऐसी बाते उठा लाए जिसका कोई मतलब नही।
अनपढ़ मुल्ले
हटाएंपुराण प्रतीकात्मक है विष्णु,इंद्र,शिव मनुष्य नहीं हैं। लेकिन मोहम्मद तो इंसान था और इंसान अपने बेटे की बीबी से सेक्स करे, ऐसे इंसान की गंदगी को डिफेंड करना जाहिलियत है।
हटाएंSale kandu jab zeshan Sach bata Raha hai toh Teri gand main dard ho Raha hai candu tere jitney bhi bhagban hai sab ke sab rapiest hai candu sale unhone apni maaa bhen or kisi ki wife ko bhi nhi chodta sab ke sath balatkar kiya hai ram madarchod toh sirf ek insaan tha jo tum sab isko bhagban bataye ho jo sirf dusro ki patniyo ko chura kar unke sath rape karta tha or apni wife bechari sita ko dusro se pilbata tha 😂😂😂😁
हटाएंनियोग और हिन्दू धर्म (देवर, जेठ, ससुर, ताऊ, चाचा, मामा सबके संग संभोग)
जवाब देंहटाएंनियोग का अर्थ
वेदादि शास्त्रों में पति द्वारा संतान उत्पन्न न होने पर या पति की अकाल मृत्यु की अवस्था में ऐसा नियमबद्ध उपाय है जिसके अनुसार स्त्री अपने देवर, जेठ, ससुर, ताऊ, चाचा, मामा सबके संग संभोग अथवा सम्गोत्री से गर्भाधान करा सकती है। यदि पति जीवित है तो वह व्यक्ति स्त्री के पति की इच्छा से केवल एक ही और विशेष परिस्थिति में दो संतान उत्पन्न कर सकता है। इसके विपरीत आचरण राजदंड प्रायश्चित् के भागी होते हैं। हिन्दू प्रथा के अनुसार नियुक्त पुरुष सम्मानित व्यक्ति होना चाहिए।
इसी विधि के द्वारा पांडु राजा की स्त्री कुन्ती और माद्री आदि ने नियोग किया । महाभारत में वेद व्यास विचित्रवीर्य व चित्रांगद के मर जाने के पश्चात् उन अपने भाइयों की स्त्रियों से नियोग करके अम्बिका से धृतराष्ट्र और अम्बालिका से पांडु और दासी से विदुर की उत्पत्ति की थी।नीचे तथ्यों पर आधारित नियोग विषय पर सभी शंकाओं का प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।
क्या प्राचीन काल में नियोग व्यवहार का प्रयोग होता था?
निस्संदेह होता था महाभारत/पुराण/स्मृति में नियोग के प्रमाण भरे पड़े है।
महाभारत में नियोग
व्यासजी का काशिराज की पुत्री अम्बालिका से नियोग- महाभारत आदि पर्व अ 106/6
वन में बारिचर ने युधिस्टर से कहा- में तेरा धर्म नामक पिता- उत्पन्न करने वाला जनक हूँ- महाभारत वन पर्व 314/6
उस राजा बलि ने पुन: ऋषि को प्रसन्न किया और अपनी भार्या सुदेष्णा को उसके पास फिर भेजा- महाभारत आदि पर्व अ 104
कोई गुणवान ब्राह्मण धन देकर बुलाया जाये जो विचित्र वीर्य की स्त्रियों में संतान उत्पन्न करे- महाभारत आदि पर्व 104/2
उत्तम देवर से आपातकाल में पुरुष पुत्र की इच्छा करते हैं- महाभारत आदि पर्व 120/26
परशुराम द्वारा लोक के क्षत्रिय रहित होने पर वेदज्ञ ब्राह्मणों ने क्षत्रानियों में संतान उत्पन्न की- महाभारत आदि पर्व 103/10
पांडु कुंती से- हे कल्याणी अब तू किसी बड़े ब्राह्मण से संतान उत्पन्न करने का प्रयत्न कर- महाभारत आदि पर्व 120/28
पुराणों में नियोग
किसी कुलीन ब्राह्मण को बुलाकर पत्नी का नियोग करा दो, इनमे कोई दोष नहीं हैं- देवी भगवत 1/20/6/41
व्यास जी के तेज से में भस्म हो जाऊगी इसलिए शरीर से चन्दन लपेटकर भोग कराया- देवी भगवत 1/20/65/41
भीष्म जी ने व्यास से कहा माता का वचन मानकर , हे व्यास सुख पूर्वक परे स्त्री से संतान उत्पत्ति के लिए विहार कर- देवी भागवत 6/24/46
पति के मरने पर देवर को दे- देवर के आभाव में इच्छा अनुसार देवे – अग्नि पुराण अध्याय 154
राजा विशाप ने स्त्री का सुख प्रजा के लिए त्याग दिया। वशिष्ट ने नियोग से मद्यंती में संतान उत्पन्न की- विष्णु पुराण 4/4/69
रामायण में नियोग
वह तू केसरी का पुत्र क्षेत्रज नियोग से उत्पन्न बड़ा पराकर्मी – वाल्मीकि रामायण किष कांड 66/28
मरुत ने अंजना से नियोग कर हनुमान को उत्पन्न किया – वाल्मीकि रामायण किष कांड 66/15
राम द्वारा बाली के मारे जाने पर उसकी पत्नी तारा ने सुग्रीव से संग किया – गरुड़ पुराण उतर खंड 2/52
मनुस्मृति के प्रमाण
आपातकाल में नियोग भी गौण हैं- मनु 9/58
नियोग संतान के लोभ के लिए ही किया जाना चाहिए- ब्राह्मण सर्वस्व पृष्ट 233
टिप्पणी :- (देवर अर्थात द्वितीय वर) आज भी प्रचलित है।
Dhyan rakhiye ki hindu dharm Sanatan Dharm Sansar Ki utpati ke sath Sanatan Dharm ki utpati Hui lekin Aap Jo Hamare Dharm ki aakhya pratikriya de rahe hain vah galat de rahe hain licking Hamare Kisi Dharm Granth Mein Aisa Kahin bhi likha Nahin Hai Kyunki Hamare Dharm Granth Sanskrit mein hai aur aur uske Kai Arth Hote Hain Jo ki aap samajh Nahin Pa rahe ho Kyunki Sanskrit Ek Aisi Bhasha hai jo dekhan Mein Chhota Lage aur uska Arth bahut hi vyapak hota hai usmein Kuchh dusra Kaha gaya hai aap galat Akhiyan kar rahe hain pahle Bhasha ka gyan karo pratikriya 2
हटाएंBahi ye insan se sb kuch glt bola he sanskat la arth toh chodo isne saare baaten glt boli ise ignore kro vhi acha he...
हटाएंMadarchod Hindu dharm k bare Mt Mt bol... Apni Islam ko dekh k maa chuda.. JB hm Islam ko bura nhi bolte to tu Hindu dhram ko bura kaise bol skta h
हटाएंMadarchod सुअर k bacche
Md jisan Lucknow wale... Halala ki aulad
श्री कृष्ण : भगवान है या बलात्कारी..???
जवाब देंहटाएंदशरत राम यदि ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहलाता हैं
तो वासुदेव नंदन कृष्ण ‘लीला पुरुषोत्तम’ अर्थात कृष्ण
अपनी अनोखी लीलाओ के कारण जन सामान्य में अधिक लोकप्रिय रहे हैं.
संभवत: कृष्ण का बचपन नंदगांव और गोकुल में गोपियों के बीच
बीता. कृष्ण औरतो के मामले में शुरू से ही स्वतंत्र विचार के थे.
पुराणों के अनुसार उनका मिजाज़ लड़कपन से ही आशिकाना मालूम होता हैं.
गोपियों के साथ कृष्ण का यौन सम्बन्ध था इस विषय
में लगभग सारा कृष्ण साहित्य एकमत हैं. इन गोपियों में विवाहित और
कुमारी दोनों प्रकार की थी वे अपने पतियों, पिताओ और
भाइयो के कहने
पर भी नहीं रूकती थी:
‘ ता: वार्यमाणा: पतिभि:
पितृभिभ्रातृभि स्तथा,
कृष्ण
गोपांगना रात्रौं रमयंती रतिप्रिया :’
-विष्णुपुराण, 5, 13/59.
अर्थात वे रतिप्रिय गोपियाँ अपने
पतियों,
पिताओं और भाइयो के रोकने पर भि रात में
कृष्ण के
साथ रमण करती थी.
कृष्ण और गोपियों का अनुचित सम्बन्ध
था यह बात
भागवत में स्पष्ट रूप से मोजूद हैं,
ईश्वर अथवा उस के अवतार माने जाने वाले
कृष्ण का जन
सामान्य के समक्ष अपने ही गाँव की बहु
बेटियों के साथ सम्बन्ध रखना क्या आदर्श
था ?
कृष्ण ने गोपियों के साथ साथ ठंडी बालू
वाले
नदी पुलिन पर प्रवेश कर के रमण किया.
वह स्थान
कुमुद की चंचल और सुगन्धित वायु आनंददायक
बन
रहा था. बाहे फैलाना, आलिंगन करना,
गोपियों के हाथ
दबाना, बाल (चोटी) खींचना, जंघाओं पर
हाथ फेरना,
नीवी एवं स्तनों को चुन, गोपियों के नर्म
अंगो नाखुनो से नोचना, तिर्चि निगाह से
देखना,
हंसीमजाक करना आदि क्रियाओं से
गोपियों में
कामवासना बढ़ाते हुए कृष्ण ने रमण किया.
-श्रीमदभागवत महापुराण 10/29/45
कृष्ण ने रात रात भर जाग कर अपने
साथियो सहित
अपने से अधिक अवस्था वाली और माता जैसे
दिखने
वाली गोपियों को भोगा.
– आनंद रामायण, राज्य सर्ग 3/47
कृष्ण के विषय में जो कुछ आगे पुरानो में
लिखा हैं उसे
लिखते हुए भी शर्म महसूस होती हैं
की गोपियों के
साथ उसने क्या-क्या किया इसलिए में निचे
अब
सिर्फ हवाले लिख रहा हूँ जहा कृष्ण ने
गोपियों के
यौन क्रियाये की हैं-
– ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म खंड 4,
अध्याय
28-6/18, 74, 75, 77, 85, 86, 105,
109,110,
134, 70.
– ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म खंड 4,
115/86-88
कृष्ण का सम्बन्ध अनेक नारियों से रहा हैं
कृष्ण
की विवाहिता पत्नियों की संख्या सोलह
हज़ार एक
सो आठ बताई जाती हैं. धार्मिक क्षेत्र में
कृष्ण के साथ
राधा का नाम ही अधिक प्रचलित हैं. कृष्ण
की मूर्ति के साथ प्राय: सभी मंदिरों में
राधा की मूर्ति हैं. लेकिन आखिर ये
राधा थी कौन?
ब्रह्मावैवर्त पुराण राधा कृष्ण
की मामी बताई गयी हैं.
इसी पुराण में राधा की उत्पत्ति कृष्ण के
बाए अंग से
बताई गयी हैं
‘कृष्ण के बायें भाग से एक कन्या उत्पन्न हुई.
गुडवानो ने
उसका नाम राधा रखा.
– ब्रह्मावैवर्त पुराण, 5/25-26
‘उस राधा का विवाह रायाण नामक वैश्य
के साथ कर
दिया गया कृष्ण
की जो माता यशोदा थी रायाण
उनका सगा भाई था.
– ब्रह्मावैवर्त पुराण, 49/39,41,49
यदि राधा को कृष्ण के अंग से उत्पन्न माने
तो वह
उसकी पुत्री हुई . यदि यशोदा के नाते
विचार करें
तो वह कृष्ण की मामी हुई.
दोनों ही दृष्टियो से
राधा का कृष्ण के साथ प्रेम अनुचित था और
कृष्ण ने
अनेको बार राधा के साथ सम्भोग
किया था ( ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म
खंड 4,
अध्याय 15) और यहाँ तक विवाह भी कर
लिया था (ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म
खंड 4,
115/86-88).
मित्रो मैन ईस पोस्ट मे कुछ भी गलत नही कहा है.. सारी बाते भविष्य पुरानों के अनुसार प्रमाणीत है.. गलीया गलोच और भगवानो की वकालत करने से पेहले भविष्य पुरानों मे ईसकी जांच करे धन्यवाद..
Sala harami halala ke paidish juth kitna bolta tujhe narak bhi nashib hoga unki 8 wife thi or 1600 unhe pati manti thi lekin sambandh nhi bna sale juth mt bolo sach bolne ki aukad nhi h to
हटाएंSb jhoot sb glt bolta he ...sale kutte tre bolne se kya hoga.....isne el bhi schhai nhi he
हटाएंZeeshan बौखलाया हुआ कुछ भी बक रहा है
हटाएंअबे ये जो तुम लोगो ने झूट पारोष रखा है ये तुम्हारे उन्हीं नाजायज मुगल बापो की देन है जो अर्श ग्रंथो मिलावट करके आज उनकी औलाद बंकर लोगो के सामने परोस रहे हो। टोटल झूट।।।।।
अगर कुछ ग़लत है तो में तुझे चेलेंज करता हूं वेदों में जिनका भाष्य महा ऋषि दयान्द सरस्वती जी का हो जा निकाल कर ला कुछ भी प्रकर्ती विरूद्ध बात
Hindu dharam ko galat brane se pahle apne dharam ko dekho tumhara dharam tumhe kattar or janwar bnata h jaan lena sikhata h logo ko maarna sikhata h humara hindu dharam shanti pyar or maryada me jeena sikhata h humare dharam ko padhne se pahle apne dharam ko padho humare pavitra ved or purano ko tumhara Chhota or ghatiya dimag nahi samjh sakta to ho sake to insaan banne ki koshish kro jahil pane se bahar niklo
हटाएंतुमने जितनी भी बातें बताई वो सब झूठ है। खुद विष्णु पुराण को पढ़ो ओर समझो लाखो साल पुरानी हिन्दू सभ्यता को। ओर जानो की तुम भी उसी धर्म संस्कृति के एक भाग हो।
हटाएंभाग-पंचम अंश
श्रीकृष्णावतार विषयक प्रश्न, गोकुल की कथा, बाल्यावस्था में श्रीकृष्ण द्वारा पूतना आदि का वध, कुमारावस्था में अघासुर आदि की हिंसा, किशोरावस्था में कंस का वध, मथुरापुरी की लीला, तदनन्तर युवावस्था में द्वारका की लीलायें समस्त दैत्यों का वध, भगवान के प्रथक प्रथक विवाह, द्वारका में रहकर योगीश्वरों के भी ईश्वर जगन्नाथ श्रीकृष्ण के द्वारा शत्रुओं के वध के द्वारा पृथ्वी का भार उतारा जाना, और अष्टावक्र जी का उपाख्यान ये सब बातें पांचवें अंश के अन्तर्गत हैं।
हाँ भड़वे तेरे बहन से तेरे बाप ने हलाला करके तुझे पैदा किया है रखैल की नाजायज औलाद। कटुआ साला अपनी बहन के साथ कितने बार हलाला किया।
हटाएंकृष्ण भगवान योगी थे और पेगमभर भोगी।
तेरा भाई तेरे बहन का हलाला किया। तेरी अम्मी तेरे मामा की हलाली का मजा लूटती है। इसीलिए इतना घटिया पोस्ट किया। तूरा दोष नही है तेरा जन्म कई लोगो के मजे लेने से हुआ है हलालापूत मूजलमूत इसीलिए ऐसा लिखा है।
मोहम्मद की गंदगी को धोने के पुराणों में घुस रहे हो तो अक्ल से सोचो रास लीला के समय कृष्ण की उम्र सात साल थी और सोलह हजार एक सौ आठ गोपियां थी? क्या सेक्स सम्बन्ध बन सकता है?यानी मिलावट की गई झूठी बातें हैं या कृष्ण मनुष्य नहीं थे क्योंकि एक सात साल का बच्चा हजारों गोपियों के साथ कैसे सम्बन्ध बना सकता है?
हटाएंतब हौवा भी आदम की पसली से बनी थी तो आदम की बेटी मानी जाएगी। मोहम्मद की गंदगी को कितना बचाओगे? मोहम्मद ने अपनी मौसी,चाची,बहू किसी को नहीं बख्शा तो दूसरी औरतों की बात क्या की जाय?मिराज के बाद उसमें अल्लाह ने इतनी ताकत दे दी की उसने अपनी बेटी से भी दुष्कर्म किया?
हटाएंकृष्ण ने तेरह साल की अवस्था में कंस का वध किया, और रास के समय उनकी उम्र पुराणों के अनुसार सात साल थी तो इन पुराणों के लिखने वाले यह बताएं कि क्या सात साल का बच्चा सोलह हजार एक सौ आठ गोपियों के साथ कैसे यौन संबंध बना सकता है। यानी इन ग्रंथों में ईसाईयों और मुसलमानों द्वारा मिलावट की गई है।यह बात स्पष्ट है कि हमारे ग्रंथों से गुलामी काल में खूब छेड़छाड़ और मिलावट की गई है चाहे पुराण हों या महाभारत।
Hindu Dharam (Religion) Me Sita Aur Ram Ka Baal Vivah ,Shaadi Hua Toh Ye Aurton Par Zulm Nahi Hai ?
जवाब देंहटाएंJi Ha Sita Aur Ram Ka Baal Vivah Hua Tha Ye Me Falto Ya Yonhi Nahi Keh Raha Ho, Balkay Inki Hi Book, Kitab Me Likha Hai
Ji Ha Ramayan Jo Hinduo Ki Badi Dharmik Book Aur Kahani Hai Isme Likha Gaya hai Kay Raam Ne Sita Se 5, Saal Ki Age Me Vivah Shaadi Ki Aur Us Waqt Ram Ki Age Only 12, Saal Thi
Refrance : [Aranya Kanda, Chapter 47, Balakanda, Sarga 19, Sloka 19, Ayodhya Kanda, Sarga 17, Sloka 26, Valmiki Ramayana, Bala Kanda, Sarga: 20, Sloka: 2]
पहले अपनी गाँड सम्भाल ले bhsdki । खुद की अल्लाह अपने माँ बहन बेटी में मुँह मारते फिरता है
हटाएंSals kamine dogla 25 year thi ram ki or 18 above sita thi tu pura padh jb aukad n hai bolne ki to mt bolo jisse mohmmad ne mushlimo ki ma bola h aayeh ko 6 saal me shâi hui hrami padhle anpadh
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंसीता राम का विवाह हुआ और सीता छः साल की थी तो क्या राम मोहम्मद की तरह इकावन साल के थे? कहां राम और कहां सड़ा गला कुसंस्कार वाला अरब का डाकू, हत्यारा, बलात्कारी मोहम्मद जो जंग में औरतों को लूटता था और उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर बलात्कार करता था।
हटाएंIs chamn chutiye चुस्लिम ko ye bhi pta nhi ki Shri Ram 13 sal ke the
हटाएं53 ke nhi
Phle khud k nabi ko to achchha sabit kro
Lekin tum kutto ki aulado dusro pr dosh nikal kr yah sabit karna chahte ho ki ham bure h to tum bhi ho
Ye jitni bhi tu bate likh rha h sab bhediye maulana ulta sidha bta k gumrah kr rhe h
Khud ki Quran jadis to padi nhi hmare granth tumhare samajh. M nhi ayenge bete
Shadi aur sambhog me anter tum logo ko kha se pta chlega
Hlala ke jane hijde
Phle apna Quran pad le achchhe se
Nabi ek shaitan jo insaniyat ka dushman tha bhosdika bachcha
When the sages saw Siva naked and excited they beat him and they said, ‘Tear out your linga.’ The great yogi said to them, ‘I will do it, if you hate my linga’, and he tore it out and vanished.” — Kurma Purana 2:38:39-41; cf. Haracaritacintamani 10:74; Yagisvaramahatmya 26a. 14
जवाब देंहटाएंजब ऋषियों ने शिव को नग्न देखा और उत्साहित होकर उन्होंने उन्हें पीटा, तो उन्होंने कहा, 'अपना लिंग फाड़ दो।' "- कूर्म पुराण 2: 38: 39-41; सीएफ हरकारितचिंतामणि 10:74; यज्ञस्वरमहात्म्य २६ ए। 14
Hrami dogla juth kyu bolta biwi ki hlala dekha kya 😁😁
हटाएंHarami halala ke paidaish madhrchodo mullo .. ...sanatan dharm ke baare m tere jaise ke gyanwadi soch ka jarurat nhi h apna gyan apne paas rakh ..
हटाएंLinga ka matalab sirf land nahi pahachan v hota hi jaise-streeling
हटाएंPuling etc
Are iska nabi sirf lund janta tha isleye ye bhi sirf lund hi janenge chahenge aur samjhanege
हटाएंare mia jao apni bhai ki 6 sal ki beti se sex karo
Apni biwi ko bap se halala karao
Mari hui aurat se sex karo
Quran me ise hi jannat jane ka rasta kha gya hai
😂😂🤣🤣🤣🤣
Inequity and degradation of women are sanctified in the Hindu religion. Manu Smriti says:
जवाब देंहटाएंNever trust a woman. Never sit alone with a woman even if it may be your mother, she may tempt you. Do not sit alone with your daughter, she may tempt you. Do not sit alone with your sister, she may tempt you.
Again the same Manu Smriti continues:
“Na stree swadantriya marhathi”. “No liberty for women in society”.
Now, that is most disgusting!!! This sick pervert actually insinuates that one’s own mother will tempt him! Na’oothu billahi minash-shaytaanir-rajeem!!!
Now see the verses of “Sacred” Hinduism Literature about women
Women = Dogs = Sudras = Untruth
“And whilst not coming into contact with Sûdras and remains of food; for this Gharma is he that shines yonder, and he is excellence, truth, and light; but woman, the Sûdra, the dog, and the black bird (the crow), are untruth: he should not look at these, lest he should mingle excellence and sin, light and darkness, truth and untruth.”
(Satapatha Brahmana 14:1:1:31)
Abe sale juth mt bol
हटाएंमोहम्मद की सीरत में उल्लेख है कि मुहम्मद लौंडेबाजी भी करता था।जायज बिन हराम को उसने पीछे से पकड़ लिया और वह अपना पिछवाड़ा मोहम्मद के अगले हिस्से में रगड़ने लगा।
हटाएंWomen are dumb !
जवाब देंहटाएं“Indra himself hath said, The mind of woman brooks not discipline, her intellect hath little weight.”
महिलाएं गूंगी हैं!
"इंद्र ने खुद कहा, स्त्री का दिमाग अनुशासन नहीं, उसकी बुद्धि बहुत कम है।"
(ऋग्वेद ::३३:१ 8:)
(Rig Veda 8:33:17)
You false ascetic, let your (Siva’s) linga fall to earth here. A shameless and evil man who has seduced another man’s wife should be castrated; there is no other punishment ever. A man who has seduced his guru’s wife should cut off the linga and testicles himself and hold them in his hands and walk until he dies.” — Siva Purana, Dharmasamhita 10:187-90; cf. B. K. Sarkar, pp.234-5.
आप झूठे सन्यासी हैं, अपने (शिव के) लिंग को यहाँ धरती पर गिरा दो। एक बेशर्म और दुष्ट आदमी जिसने दूसरे आदमी की पत्नी को बहकाया हो, उसे छोड़ दिया जाना चाहिए; कोई और सजा नहीं है। अपने गुरु की पत्नी को बहला फुसला कर ले जाने वाले व्यक्ति को लिंग और अंडकोष को काट देना चाहिए और उन्हें अपने हाथों में पकड़कर मरना चाहिए। सीएफ बी के सरकार, पीपी .234-5।
[
Hinduism’s holy dharmasastra teaches that women are like whores and sluts by nature like the bimbo goddess Indrani (ref. RigVeda 10:86:6.)
हिंदू धर्म के पवित्र धर्मशास्त्र यह सिखाते हैं कि महिलाएं बिम्बो देवी इंद्राणी की तरह स्वभाव से वेश्या और फूहड़ होती हैं (संदर्भ। ऋग्वेद 10: 86: 6)।
[
: If a man of inferior caste tries to sit down on the same seat as a man of superior caste, he should be branded on the hip and banished, or have his buttocks cutoff.” — Manusmriti 8:281.
यदि कोई नीच जाति का आदमी श्रेष्ठ जाति के व्यक्ति के समान आसन पर बैठने की कोशिश करता है, तो उसे कूल्हे पर लिटाया जाना चाहिए और गायब कर दिया जाना चाहिए या उसके नितंबों को काट देना चाहिए। ”- मनुस्मृति 8: 281
[People here whose behaviour is pleasant can expect to enter a pleasant womb, like that of a woman of the Brahmin, the Ksatriya, or the Vaisya caste. But people of foul behaviour can expect to enter the foul womb, like that of a dog, a pig, or an outcaste woman.” — Chandogya Upanisad 5:10:7.
जिन लोगों का व्यवहार सुखद है, वे ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य जाति की महिला की तरह सुखद गर्भ में प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन मूर्ख व्यवहार के लोग कुत्ते, सुअर, या बहिर्मुखी महिला की तरह, गलत गर्भ में प्रवेश कर सकते हैं। ”- चंदोग्य उपनिषद 5: 10: 7।
Manusamirti uper nhi h sale ved h
हटाएंमनुस्मृति के बारे में फैलाये गए झूठ का खंडन
हटाएंदेता हूं ।
अद्ध्याय 5:8 21
5 = जिस राजा के यंहा धर्म का विचार शूद्र करता है वह राज्य ऐसा दुखी होता है जैसे कीच में फंस गया हो ।( 8 – 21 )
उ○ = यह प्रमाण ठीक है पर समझने के लिए बुद्धी चाहिए जो आपके है नंही ऐसा मुझे अब विदित होने लगा है देखो मैने पहले भी प्रमाण दिया कि शूद्र का अर्थ विद्धाहिन – जिसके पास विद्धा न हो तो जिसके पास विद्धा ही नंही है यद्धपि उसको राज्य का निणर्य करने दिया जाऐ तो भला वह न्याय क्या करेगा बिना विद्धा के न्याय भला क्योंकर होने लगा यह केवल मूर्खता है राज्य तो दूर की बात है क्या आप अपना घर ऐसे व्यक्ती को चलाने दैगे जिसके पास विद्धा ही नंही है ?? तो भला मनु यह उपदेश क्यों न दै ?, विद्धाहीन लोगो को राज्य दिया इसलिए तो आर्यलोगो का आज सत्यानाश हुआ है इसलिए मनु का यह वचन ठीक ही है ।।
6 = ब्रहाम्ण से दो क्षत्रिय से तीन वैश्य से चार तथा शूद्र से पांच प्रतिशत मासिक ब्याज लेना चाहिए । ( 8- 142)
उ○ = यह श्लोक प्रक्षिप्त है
१ = अन्तरविरोध – मनु ने 140 वैं श्लोक मै सवा रूपया सैकङा ब्याज की दर सभी के लिए समान रूप से निर्धारित की है । इन श्लोको मै से दो रूपए से पांच रूपए तक ब्याज लेने का विधान करना और वर्णानुक्रम से ब्याज का विधान ये दोनो ही विधान मौलिक व्यवस्था से विरूद्ध है अतः ये प्रक्षिप्त है । 141 वै की बा
भाषा यह बतलाती है कि यह परिवर्ति रचना है ” सतां धर्मम् अनुस्मरन ” की दुहाई देना और ” न भवति अर्थकिल्विषी ” का कथन रचयिता की हीनभावना को दर्शाता है । 3 – 153वै श्लोक मै शास्त्र विरूद्ध ब्याज न लेने का कथन है और शास्त्रसम्मत ब्याज लेने का विधान 140वैं मै विहित है । इसलिए यह श्लोक प्रक्षिप्त( मिलावटी ) है ।
पौराणिको ने ही हिंदू धर्म को मजाक बनाकर रख दिया है ।
हटाएंविष्णु पुराण एवं शिव पुराण में बहुत सी ऐसी बातें हैं जिसको पढ़ कर पता चलता है कि इन दोनों के लेखक लगता है कि आपस के घनघोर शत्रु थे।---- इसलिए यह आध्यात्मिक रूप से प्रामाणिक नहीं।
इसी तरह कृष्ण को समझना हो तो महाभारत को पढे, पुराणों को नहीं ।
कृष्ण मुख्यता महाभारत के पात्र हैं न कि पुराणो के।
भागवत पुराण में भी कृष्ण के विषय में उटपटांग बातें हैं जोकि महाभारत के शानदार व्यक्तित्व वाले कृष्ण से बिल्कुल मेल नहीं खाता।
हमारे मार्गदर्शक ग्रंथ-----
*वेदों के विस्तार उपनिषदों से आध्यात्मिक तत्वों के सारांश-सुमन को छन्दों में संग्रहित करके गीता रूपी सुन्दर माला ग्रथित हुई है।*
व्यास देव रचित वेदान्त-सूत्र एक दूसरा ग्रन्थ है जिसमें इस दर्शन को सारगर्भित ढंग से विविध उद्धरणों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है.इन तीनों- *उपनिषद, गीता और वेदान्त-सूत्र को एकसाथ मिला कर ' प्रस्थान-त्रय ' कहा जाता है. पारंपरिक रूप से इस दर्शन को ' वेदान्त-दर्शन ' कहा जाता है*, जिसमें अन्य सभी दर्शनों के, विशेष तौर से ' योग-दर्शन ' की अच्छी बातों को भी समाहित किया गया है. *तथा इस ' वेदान्त-दर्शन ' को ही सनातन धर्म का मुख्य अधिकारी दर्शन माना जाता है*
बस यही हिंदू सनातन धर्म का आध्यात्मिक मार्गदर्शक ग्रंथ है।
He is very idiot and knowing nothing about Hinduism Profet Muhammad married his own daughter. Roza kyo Rakha jata hai ye Bata sale
जवाब देंहटाएंMd jisan Teri maa ka bhosda madarchod Randi k bacche
जवाब देंहटाएंMd jeeshan.... Kutte ka chuda.. Randi k halala ka baccha madarchod
जवाब देंहटाएंAgar ye sari beaten hai Sahi hai to apko namskar hai agar jhuthi hai ye BAAT Galt hai
जवाब देंहटाएंसल्लम इब्न अबुल हुकैक ( अबू रफ़ी एक विद्वान् और कवि था . इसने अपनी शायरी में कहा था ऐसा अत्याचारी रसूल नहीं हो सकता .इसलिए मुहम्मद ने इसे मार डाला .(सीरतुल रसूल अल्लाह -पेज 714 -715 )
जवाब देंहटाएं१०. अल नद्र बिन अल हरीसयह अरब का एक शायर था. जब सन 622 से मुहम्मद ने कुरान की आयतें सुना कर अल्लाह की सजा से डराना शुरू किया तो इसने लोगों से कहा यह मुहम्मद की कल्पना है .बाद में गुस्से होकर मुहम्मद ने उसे 3 मार्च सन 624 को क़त्ल करा दिया .(सीरतुल रसूल अल्लाह -पेज 133 -134 )
११. इब्ने सुनैना यह एक धनवान व्यापारी और कवि था . और कविता में अपने देवताओं कि तारीफ़ कर के लोगों से अपना धर्म नहीं छोड़ने को कहता था . इसलिए मुहम्मद ने उसकी 8 सितम्बर सन 624 को हत्या कर दी .(सुन्नन अबू दाउद- किताब 19 हदीस 2996 )
१२. अब्द अल्लाह इब्ने साद इब्ने अबी सरह यह अरब का कवि था ,जब वह अपनी दो लड़कयों के साथ काबा देवताओं की स्तुति कर रहा था . तभी मुहम्मद ने हमला कर दिया . वह जब जान बचाने के लिए काबा के परदे के पीछे छुप गया तो भी मुहमद ने उसकी लड़कियों के साथ 9 जनवरी सन 630 को हत्या कर दी .( सीरत रसूल अल्लाह पेज 550 )
१३. अबू आफाक यह अरब के एक कबीले का सरदार और मनात देवी का उपासक था . अरबी का विद्वान् था , इसने कहा था कि मैं कुरान से बढ़िया शायरी कर सकता हूँ .इस लिए मुहम्मद ने 4 अप्रेल सन 624 को इसकी हत्या कर दी (इब्न हिशाम -पेज 675 )
१४. असमा बिन्त मरवानयह एक महिला कवियित्री थी .इसके पति का नाम यजीद बिन जैद था .इसके पांच बच्चे थे .इसने मुहमद के बारे में कविता लिखी थी .उसके कारण लोग मुहमद के विरोधी बन गए .नाराज होकर मुहम्मद ने रात में सोते समय उसे बच्चों सहित 30 मार्च सन 624 को हत्या कर दी .(सीरत रसूल अल्लाह पेज -675 -676
१५. मोहम्मद शहब ने अपनी बेटी के साथ निकाह (शादी ) किया था लिकिन उनकी बेटी उनके साथ शारीरिक साम्बन्ध बनाने से मना कर दिया था तो उसे ३० दिन तक भूखा रखा था फिर वो मान गयी थी ३१ वे दिन उसके साथ शारीरिक संबध बनाये उसी दिन को मुस्लिम धर्म में रोजा का नाम दिया गया है .
१६. मोहम्मद साहब ने स्वयं ही स्वीकार था कीअरब से इस्लाम फैलेगा और अरब में ही इस्लाम सिमट जाएगा |
Vah bhai achchha kam kr rhe ho benakab kro in jahilo ko
हटाएंसल्लम इब्न अबुल हुकैक ( अबू रफ़ी एक विद्वान् और कवि था . इसने अपनी शायरी में कहा था ऐसा अत्याचारी रसूल नहीं हो सकता .इसलिए मुहम्मद ने इसे मार डाला .(सीरतुल रसूल अल्लाह -पेज 714 -715 )
जवाब देंहटाएं१०. अल नद्र बिन अल हरीसयह अरब का एक शायर था. जब सन 622 से मुहम्मद ने कुरान की आयतें सुना कर अल्लाह की सजा से डराना शुरू किया तो इसने लोगों से कहा यह मुहम्मद की कल्पना है .बाद में गुस्से होकर मुहम्मद ने उसे 3 मार्च सन 624 को क़त्ल करा दिया .(सीरतुल रसूल अल्लाह -पेज 133 -134 )
११. इब्ने सुनैना यह एक धनवान व्यापारी और कवि था . और कविता में अपने देवताओं कि तारीफ़ कर के लोगों से अपना धर्म नहीं छोड़ने को कहता था . इसलिए मुहम्मद ने उसकी 8 सितम्बर सन 624 को हत्या कर दी .(सुन्नन अबू दाउद- किताब 19 हदीस 2996 )
१२. अब्द अल्लाह इब्ने साद इब्ने अबी सरह यह अरब का कवि था ,जब वह अपनी दो लड़कयों के साथ काबा देवताओं की स्तुति कर रहा था . तभी मुहम्मद ने हमला कर दिया . वह जब जान बचाने के लिए काबा के परदे के पीछे छुप गया तो भी मुहमद ने उसकी लड़कियों के साथ 9 जनवरी सन 630 को हत्या कर दी .( सीरत रसूल अल्लाह पेज 550 )
१३. अबू आफाक यह अरब के एक कबीले का सरदार और मनात देवी का उपासक था . अरबी का विद्वान् था , इसने कहा था कि मैं कुरान से बढ़िया शायरी कर सकता हूँ .इस लिए मुहम्मद ने 4 अप्रेल सन 624 को इसकी हत्या कर दी (इब्न हिशाम -पेज 675 )
१४. असमा बिन्त मरवानयह एक महिला कवियित्री थी .इसके पति का नाम यजीद बिन जैद था .इसके पांच बच्चे थे .इसने मुहमद के बारे में कविता लिखी थी .उसके कारण लोग मुहमद के विरोधी बन गए .नाराज होकर मुहम्मद ने रात में सोते समय उसे बच्चों सहित 30 मार्च सन 624 को हत्या कर दी .(सीरत रसूल अल्लाह पेज -675 -676
१५. मोहम्मद शहब ने अपनी बेटी के साथ निकाह (शादी ) किया था लिकिन उनकी बेटी उनके साथ शारीरिक साम्बन्ध बनाने से मना कर दिया था तो उसे ३० दिन तक भूखा रखा था फिर वो मान गयी थी ३१ वे दिन उसके साथ शारीरिक संबध बनाये उसी दिन को मुस्लिम धर्म में रोजा का नाम दिया गया है .
१६. मोहम्मद साहब ने स्वयं ही स्वीकार था कीअरब से इस्लाम फैलेगा और अरब में ही इस्लाम सिमट जाएगा |
Ram ke pille muhammad shab ne abu bakar ki beti ke sath nikah kiya tha na ki apni beti ke sath
हटाएंAbe bhadve to vah beti jaisi thi ya nhi
हटाएंUska bhai hi uska sasur bn gya
9 sal ki bachchi se sambhog kaun krta hai
Tera nabi to shaitano ka bhi shaitan tha
Us bachchi ko pelne k liye use 30 din bhukha rkh k yatna di gai ki sex kre us buddhe k sath
Jahil sala harami ka pilla madharchod randi ka bachcha mohmmad
Yes
जवाब देंहटाएंJaise ram ne 6 saal ki sita ke sath shadi karke use aayodya ke Mahal main band karke rakha gya tha kyuki usne ram ke sath sex karne se Mana kar diya tha toh phir isko cow ka gover khilate the or mutra pilate the ek din bo sex ke liye man gayi phir uske sath sex kiya use din duze ka chand bhi tha use ko dekhkar karbachoth ka sabhi hindu log fastival manane lage
हटाएंMuhommad मै आपको सही जवाब देता हु
जवाब देंहटाएंहमारी भगवान भी बहुत रासलीला के क़िस्से है सब भगवान के मै मानता हु
पर कही भी बाल योन शोषण का ज़िक्र नहीं है
9 साल की आयशा से योन स्थापित किया
ऐसा कुकर्म हमारे किसी देवता ने नहीं किया !
आपके सारे बातों का ये जवाब है
ज़ीशान बोहट जानकारी है हिन्दू धर्म के बारे मे।
हटाएंइंसान जिस को पसंद करता है उसमें नकारात्मक मैं भी सकारात्मक ढूंढ लेता है।
इन सारे लेखों को पढ़ने के बाद मैंने एक चीज गोर करी की तुम्हे इस्लाम और मोहम्मद मैं कोई बुराई नही देखी।
पर गीता और पुराण के कुछ अंश जबरदस्ती निकल कर उसमें बुराई ढूंढ ली।
तुमने गीता और पुराण पढ़े ही नही अगर पढ़े होते तो तुम इस पर बहस ही नही करते।
अगर हिन्दू धर्म ग्रंथो मैं नारी के साथ किसी ने गलत किया है तो उसका परिणाम भुगतना पड़ा है फिर चाहे बो जगत के पालन करता विष्णु ही क्यो न हो, जरासन्ध के अत्याचार बोहट बढ़ गए थे, ओर उसे कोई इसीलिए मार नही पा रहा था क्यो की उसकी पत्नी पतिब्रता थी, ओर बो भी विष्णु भक्त थी। एक बात इससे साफ होती है, की औरत अपनी शक्ति से कुछ भी कर सकती है।
ण निष्कर्ष सुनो, जगत का पालन करने का भार भगवान विष्णु पर है, पर उसमे रोड़ा उनकी ही भक्त बृंदा आड़े आ रही थी,इसीलिए बृंदा का शील भांग करने के लिया विष्णु भगवान ने जरासन्द का रूप लेकर बृंदा का शील भांग किया। जो गलत था। इसीलिए भगवान होते हुए भी उन्होंने खुद को श्राप दिया ओर बृंदा को बरदान दिया की तुम तुलसी बनकर जगत मैं पूजी जाओगी ओर मैं शालिग्राम के रूप मे तुमहारे चरणों मे पड़ा रहूंगा। तुलसी और विष्णु का विवाह किया जाता है और तुलसी टैब भी कुवारी कहलाती है।
अब इस कहानी का महान उद्देश्य सुनो। औरत सुख का साधन नही सम्मान का रूप है और उसके सामान मैं जो भी दुष्टता करेगा उसे परिणाम भुगतना पड़ेगा फिर चाहे बो खुद भगवान ही क्यो न हो।
भगवान विष्णु ने खुद को सजा देकर यह उदहारण पेश किया है। बृंद का शीलभंग उन्होंने ने सिर्फ जरासन्द वध के लिए किया था। उद्देश्य जन कल्याण था , न की खुद का स्वार्थ। मूल बातों को तुम कभी नही समझोगे ।
Bhai inki jaat hi aisi h ...apni maa behno se yeh Shaadi Kar Lete h ....inhe narak bhi Nasseb ni hoga .
हटाएंJaise ram ne 6 saal ki sita ke sath balatkar kiya tha bese hi tum log apni maa bhen ke sath AATA sata ke tahat balatkar karte ho or phir unko dropadi banate ho
हटाएंBeta
हटाएंRam ji ke bare me jo tum bar bar bak rhe ho ye sarsar galat h
Shadi aur sex me antar tere ko samajh ata hai tera rasool to bina shadi ke hi nanga ghumta tha ki kab koi mile ki use pel ke mja kru
Sale jahil hi rhoge tum log
Kyoki rishto ki lihaj hi nhi hai tum logo me
हिंदू धर्म के सभी देवी देवता चाहे ब्रह्मा विष्णु या शंकर ही क्यों न हो सभी एक काल्पनिक पात्र हैं इन्हीं के माध्यम से तरह-तरह की उटपटांग कहानियां बनाई गई हैं जिसमें कुछ तो सार्थक हैं और कुछ तो एकदम बेहूदा हैं इसी कारण हिंदू धर्म में तरह-तरह के भ्रम फैलें हैं अतः अंत में यही कहूंगा कि फिर भी हिंदू धर्म विश्व के श्रेष्ठ दर्शनों में से एक है जिसकी कोई सानी नहीं परंतु पैगंबर मोहम्मद साहब एक ऐतिहासिक व्यक्ति थे उनका उल्लेख जायज है
जवाब देंहटाएंPAGEMBER CHUTIYA EK RAPIST THA BETICHOD
हटाएंtuje kya pata Hindu darm kya hai tuje tere Apne darm ke bare me pata Kar fir muje bata na tum logo ke Ghar par tuhara baap apni hi beti se Saadi Kar deta hai ya bata or tum jeso ki Shaadi ho hai to ados-pados wale hi Maza lete hai or tere Apne Ghar ke log bhi
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंतेरी मा चोद देंगे bsdk madharchod लंडी के
जवाब देंहटाएंJyade बोल रहा है तू
यहां से लौड़ा फेक के मारूंगा वहा तेरी पूरी खानदान
सात जन्मों तक Chudti filegi
Muhammad Zeeshan Rifai Lucknow randi ki aulad
जवाब देंहटाएंRam ki gand main bhut dard ho Raha hai
हटाएंये जो इस भडवे ने हिन्दू धर्म के बारे में फला फला क्रम संख्या बताकर लिखा है वो सभी फर्जी जानकारी है तुम उसे कॉपी पेस्ट करके उस संस्कृत में लिखे विवरण को डालो ताकि तुम्हारे तर्क का खंडन किया जा सके।वैसे तुम्हारे बुखारी की लिखी हदीस के बारे में तो वर्णन कर दिया कर ।
जवाब देंहटाएंसनातन धर्म के प्रामाणिक ग्रन्थ वेद और उपनिषद है। पुराण नही। जेहादी इन पुराणों की कुछ कहानियों को अपना शिकार बनाते हैं। संस्कृत को समझे बिना शाश्त्रो का सही अर्थ लगा पाना कठिन है। वेद का ईश्वर कभी ये नही कहता कि यदि तुम मेरी बात नही मानोगे तो ये सजा होगी। वेद एक उन्नत विचार है। वह मनुष्य बनाने में रुचि रखता है। वेद का ईश्वर निराकार है, परन्तु वह मनुष्यो पर शासन नही करता। इस्लाम का अल्लाह निराकार है फिर भी सारी नाजायज आयते उतारता है। मुहम्मद ने अपनी मनगढ़ंत इच्छाओं को पूरा करने के लिये एक काल्पनिक अल्लाह की रचना किया। अल्लाह के नाम पर शोषण किया। वेद कहता है कि पहले जानो तब मानो। कुरान में जानना कुछ भी नही है, सिर्फ मानना है। सब गोलमाल और जलेबी।कुरान का लॉजिक से कोई वास्ता नही। केवल अंधभक्त बने रहो। कुरान में एक नुक्ता तक नही बदल सकता जबकि सनातनियो ने हमेशा से ही परिवर्तन का स्वागत किया है। यदि शास्त्रो में कुछ भी विसंगति है तो सनातन धर्म उसे उपेक्षित करने में देर नही लगाता। कर्म व्यवस्था और उसके परिणामो की कहानियां हैं पौराणिक ग्रन्थ, जो अत्यंत उलझी है और समय साध्य अध्ययन की माँग करती है। जेहादी अपनी मतलब वाली चींजों को छांट लेते हैं और ये सिद्ध हो चुका है कि विदेशी गुलामी में भारी संख्या में क्षेपक जोड़े गए हैं हिन्दुओ को दिग्भर्मित करने के लिये।
जवाब देंहटाएंAre WhatsApp univercity ke anpad graduation ke chutiye
जवाब देंहटाएंBrahma ne balatkar kiya ye vedho me saaf hai
Par khud ki beti ka nikaah nahi kiya nabi ne
Kisi bhi kitaab ka ek refrence bata de ki aisa likha hai
Me tujhe vedho se proof deta hu
Brahma ne khud ke beti ka
Shambu ne bail or admi jo gay roop me tha uska
Kuch bhi blog likhega or jhooth ko sach or sach ko jhooth bolega balatkariyo ki nasl se paida hone waale
LOURE MADARCHOD KIS VED MAI LIKHA HAI BOL LAGTA HAI TU MADRSA KI KITAAB SAI PADHA HAI CHUTIYE MOHMMAD MADARCHOD BETICHOD THA
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